निंदा शब्द क्या है?

निंदा शब्द क्या है?

इसे सुनेंरोकेंनिंदा के हिंदी अर्थ अपकीर्ति; बदनामी; शिकायत।

प्रशंसा का विलोम शब्द क्या होता है?

इसे सुनेंरोकेंप्रशंसा का विलोम शब्द निंदा होता है।

जड़ का विलोम शब्द क्या होगा?

Vilom Shabd of Jad

शब्द विलोम
जड़ चेतन
Jad Chetan
Get definition and list of more Vilom Shabd and Paryayvachi Shabd in Hindi Grammar.

राजा का विलोम शब्द क्या है?

इसे सुनेंरोकेंराजा का विलोम शब्द होता है । रंक या रानी।

निंदा का पर्यायवाची क्या है?

इसे सुनेंरोकेंदोषारोपण, फटकार, बुराई, भर्त्सना।

प्रशंसा का पर्यायवाची शब्द क्या है?

इसे सुनेंरोकेंParyayvachi of Prashansa (प्रशंसा का पर्यायवाची शब्द) स्तुति, तारीफ, अभिनंदन, गुणगान, बड़ाई, महिमा गान।

बुद्धिमान का विलोम शब्द क्या है?

इसे सुनेंरोकेंबुद्धिमान के विलोम शब्द बुद्धिहीन, मूर्ख के बीच अंतर समझाने के लिए हमने बुद्धिमान के विलोम शब्द (विपरीतार्थी) शब्दों को वाक्य प्रयोग के माध्यम से समझाया है।

जड़ का पर्यायवाची शब्द क्या है?

इसे सुनेंरोकेंजड़ का पर्यायवाची – मूर्ख, गँवार, अल्पमति, अज्ञानी, अपढ़ जड़ के पर्यायवाची शब्द पढ़ने और सुनने में भले ही एक जैसे लगें किन्तु उनके अर्थ में सूक्ष्म अंतर हो सकता है।

राजा का बहुवचन क्या है?

एकवचन से बहुवचन बनाने के नियम

एकवचन बहुवचन
राजा राजा
पिता पिता
पानी पानी
फल फल

निंदा करने वाला क्या कहलाता है?

इसे सुनेंरोकेंनिंदक का उद्देश्य सुधार करना नहीं, वरन अपयश करना होता है, उसका काम किसी की बुराई करके अपने मन की ईर्ष्या, कुंठा और प्रतिशोध की भावना को शांत करना है। निंदा अवगुणों और त्रुटियों की ओर इंगित करके उन्हें दूर करने के लिए प्रेरणा देती है।

चांदी का पर्यायवाची शब्द क्या है?

इसे सुनेंरोकेंचांदी का मुख्य पर्यायवाची – रजत, सौध, रूपा, रूपक, रौप्य, चन्द्रहास आदि हैं.

कौन सा शब्द जड़ का पर्यायवाची नहीं है?

इसे सुनेंरोकेंजड़ का पर्यायवाची शब्द (jad ka Paryayvachi shabd )– निर्जीव, प्राणरहित, चेतनाशून्य, बेसुध, अचर, आधार, बुनियाद। जड़ का पर्यायवाची शब्द (jad ka Paryayvachi shabd )– निर्जीव, प्राणरहित, चेतनाशून्य, बेसुध, अचर, आधार, बुनियाद।

जड़ चेतन का मतलब क्या है?

इसे सुनेंरोकेंएक ऐसी वस्तु है जिसमें ज्ञान और प्रयत्न नहीं पाया जाता है। इस तरह की वस्तुओं को जड़ पदार्थ कहते हैं। इसके विपरीत जिन वस्तुओं में ज्ञान और प्रयत्न पाया जाता है, उसमें सुख दुख और इच्छा द्वेष जैसे संयोग से उत्पन्न गुण भी पाए जाते हैं। इस तरह की वस्तुओं को चेतन पदार्थ कहते हैं।